स्टॉक मार्केट: ट्रंप टैरिफ से शेयर बाजार में हड़कंप, सेंसेक्स 600 अंक लुढ़का, ये शेयर ताश के पत्तों की तरह बिखरे
28 अगस्त 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 50% टैरिफ लागू करना था। यह टैरिफ, जिसमें 1 अगस्त से 25% और 27 अगस्त से अतिरिक्त 25% शामिल है, भारत के रूस से तेल और रक्षा उपकरण खरीदने के जवाब में लगाया गया। बीएसई सेंसेक्स 600 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ 80,178.55 पर खुला, जो 607.99 अंक या 0.75% की कमी थी। एनएसई निफ्टी 50 भी लगभग 180 अंक (0.73%) गिरकर 24,532.40 पर पहुंचा। निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 जैसे व्यापक सूचकांक भी 1% से अधिक गिरे।
बाजार गिरावट के प्रमुख कारण:
- ट्रंप टैरिफ: अमेरिका ने भारत के सामानों पर 25% टैरिफ 1 अगस्त से और अतिरिक्त 25% टैरिफ 27 अगस्त से लागू किया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। यह भारत के रूस से तेल खरीदने के कारण था, जिससे निवेशकों की उम्मीदें टूटीं और बिकवाली शुरू हुई।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII): 26 अगस्त को FII ने 6,517 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अगस्त 2025 में कुल FII बिकवाली 20,976 करोड़ रुपये तक पहुंची।
- रुपये की कमजोरी: भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.78 तक गिरा, जिससे आयात लागत बढ़ी और कंपनियों के मार्जिन पर दबाव पड़ा।
- वैश्विक बाजारों का दबाव: जापान के निक्केई और दक्षिण कोरिया के कोस्पी जैसे एशियाई सूचकांकों में गिरावट ने नकारात्मक माहौल को बढ़ाया।
- उच्च वैल्यूएशन और कमजोर कमाई: विश्लेषकों ने उच्च बाजार वैल्यूएशन और कमजोर आय वृद्धि को बाजार की कमजोरी का कारण बताया।
- सेक्टोरल प्रभाव: आईटी, बैंकिंग, तेल और गैस, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। अमेरिकी राजस्व पर निर्भर आईटी स्टॉक्स जैसे एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस और टीसीएस में भारी गिरावट देखी गई। एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बैंकिंग स्टॉक्स ने भी सूचकांकों को नीचे खींचा।
- तकनीकी कमजोरी: निफ्टी ने प्रमुख समर्थन स्तर 24,500–24,600 को तोड़ा। विश्लेषकों का कहना है कि इसके नीचे जाने पर 24,450 तक और गिरावट हो सकती है।

सबसे ज्यादा प्रभावित शेयर:
- एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, टीसीएस: अमेरिकी बाजार पर निर्भरता के कारण आईटी शेयरों में भारी गिरावट।
- एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, श्रीराम फाइनेंस, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज: बैंकिंग और वित्तीय शेयरों पर बिकवाली का दबाव।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी: ये बड़े शेयर भी सेंसेक्स की गिरावट का कारण बने।
बाजार में बढ़त वाले शेयर:
कुछ शेयरों ने गिरावट के बीच मजबूती दिखाई, जैसे हीरो मोटोकॉर्प, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी, और टाइटन कंपनी, जो निफ्टी 50 में शीर्ष लाभकारी रहे।
विशेषज्ञों की राय:
- विनोद नायर (जियोजित इन्वेस्टमेंट्स): टैरिफ को अल्पकालिक समस्या माना जा रहा है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट के सकारात्मक बयानों से व्यापारिक समझौते की उम्मीद है। हालांकि, उच्च वैल्यूएशन और कमजोर आय चिंता का विषय हैं। डीआईआई की आक्रामक खरीदारी FII बिकवाली को संतुलित कर रही है।
- अजय बग्गा (मार्केट विशेषज्ञ): भारत के 18% निर्यात ($87 बिलियन) पर टैरिफ का असर व्यापार संतुलन और आर्थिक माहौल पर पड़ सकता है। जीएसटी में कटौती और आर्थिक सुधारों की जरूरत है।
बाजार का आउटलुक:
विश्लेषकों ने अस्थिरता के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी है। निवेशकों को रैलियों में मुनाफा बुक करना चाहिए और सख्त स्टॉप-लॉस का उपयोग करना चाहिए। निफ्टी का प्रमुख समर्थन 24,500 पर है, और प्रतिरोध 24,850–24,900 पर है। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और आरबीआई की मौद्रिक नीति पर स्पष्टता आने तक बाजार दबाव में रह सकता है।
निष्कर्ष:
ट्रंप के टैरिफ ने भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट ला दी, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी को बड़ा नुकसान हुआ। आईटी और बैंकिंग जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जबकि फार्मा जैसे रक्षात्मक शेयर स्थिर रहे। निवेशकों को अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और आरबीआई की नीतियों पर नजर रखनी चाहिए।
